दमोह सागर स्टेट हाईवे पर शव रखकर किया प्रदर्शन, जाम की बने हालात
घटना की वजह पारिवारिक विवाद होने का परिजनों ने किया खंडन
दमोह। देहात थाना के ग्राम बांसा में सोमवार सुबह हुए तिहरे हत्याकांड के दूसरे दिन मृतकों के परिजन आक्रोश जताते हुए सड़क पर आ गए और उनके द्वारा दमोह सागर स्टेट हाईवे के ग्राम बांसा में शव रख कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दरअसल जो घटना सोमवार को सामने आई थी उससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि मंगलवार को पीड़ित परिवार के लोग घटना को लेकर अपना विरोध जता सकते हैं और मंगलवार सुबह जैसे ही पोस्टमार्टम कार्यवाही के लिए दमोह लाए गए शव मृतकों के गृह ग्राम रवाना हुए ग्राम बांसा में परिजनों ने अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। दूसरी और मामले में प्रारंभिक तौर पर बनाए गए तीन आरोपियों की तलाश पुलिस लगातार कर रही है लेकिन अभी तक पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है। मंगलवार को पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजनों ने मृतकों का अंतिम संस्कार मंगलवार को कर दिया।
कलेक्टर को बुलाया मौके पर
पूर्व से इन स्थितियों की आशंका होने और परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू करते ही मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी पहुंचना शुरू हो गए। इस दौरान एसडीएम आरएल बागरी, एएसपी संदीप मिश्रा, सीएसपी अभिषेक तिवारी, कोतवाली थाना प्रभारी आनंद ठाकुर समेत देहात थाना पुलिस बल मौके पर स्थितियों को संभालने के लिए पहुंचा और हाईवे पर बैरिकेटिंग करते हुए पुलिस बल की तैनाती करते हुए मार्ग पर आने जाने वाले बड़े वाहनों को भी रोक दिया गया था। इस बीच एसडीएम ने विरोध जाता रहे परिजनों से चर्चा करते हुए उनकी मांगे जानने का प्रयास किया। चर्चा के बाद भी विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग एसडीएम को अपनी मांगे बताने से इंकार करते रहे और मौके पर कलेक्टर को बुलाए जाने की बात पर अड़े रहे। समझाइस देने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो स्थितियों की जानकारी कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को दी गई और कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी मौके पर पहुंचे और उनके द्वारा परिजनों से चर्चा करते हुए उनकी मांगों को सुना गया।
गंभीर आरोपों के बीच कॉलोनाइजर का नाम
कलेक्टर का पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से चर्चा शुरू की तो इस दौरान पीड़ित परिजनों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग भी की इस दौरान उनके द्वारा स्पष्ट रूप से मामले में संदेही के रूप में सामने आ रहे नगर के चर्चित कॉलोनाइजर रॉकी सुरेखा पर आरोप लगाते हुए उन्हें इस हत्याकांड में शामिल होने की बात कही। पीड़ित परिवार जनों का कहना था कि जिस तरह के हथियार और पैसों का रसूख आरोपियों द्वारा दिखाया गया है उससे स्पष्ट है कि कॉलोनाइजर की शह पर ही इस घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं दूसरी ओर सोमवार को पुलिस द्वारा घटना के पीछे पारिवारिक विवाद होने का हवाला दिया जा रहा था जिसका विरोध जाता रहे परिजनों ने स्पष्ट रूप से इसका खंडन किया है। परिजनों की माने तो घटना के पीछे कोई भी जमीनी या पारिवारिक विवाद नहीं था और विवाद की शुरुआत गाय के बछड़े पर गाड़ी चलाई जाने से को लेकर शुरू हुई थी और उसी के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया है।
घटना में नए आरोप आए सामने
दूसरी ओर घटना क्रम में मंगलवार को नए आरोप सामने आ गए हैं। विरोध जाता रहे परिजनों की यदि माने तो आरोपियों ने परिवार की एक युवती पर भी तीन फायर किए थे जो बाल बाल बच गई और अपनी जान बचाते हुए वहां से भागी थी। पीड़ित युवती के अनुसार वह अपने भाइयों के साथ हुई घटना के बाद जब घर की ओर आई तो वहां आरोपियों ने उसे मारने का प्रयास किया और वह दीवार कूंदकर मुश्किल से वहां से भागी और बाद में ऑटो से सागर नाका चौकी पहुंची,जहां पर भी आरोपियों द्वारा उन्हें धमकाया गया था। परिजनों के आरोप यह भी है कि आरोपी पूरे परिवार को खत्म करने की बात कह रहे थे और उनके द्वारा इसी तरह का कृत्य भी किया गया लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने ना तो इस ओर ध्यान दिया ना जांच को दिशा दी। इस दौरान परिजनों ने पुलिस प्रशासन के समक्ष अनुकंपा नियुक्ति, उचित मुआवजा सहित आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की भी मांग की जिस पर उन्हें उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया गया।
आवेदन को लेकर उठ रहे सवाल
इस मामले में मृतकों द्वारा घटना के पूर्व पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को सौंप गए आवेदन सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं आवेदन के अनुसार अमित को ने पहले ही अपनी जान को खतरा बताते हुए दूसरे पक्ष के कुछ लोगों के नाम उसमें उल्लेखित किए थे लेकिन इसके बाद भी यह घटना घटित हो गई और आरोपियों में उन्हीं लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जिन्हें पूर्व के आवेदन में उल्लेखित किया गया था और आवेदन और शिकायतों पर जांच और कार्यवाही के पहले ही यह बड़ी घटना सामने आ गई।
पुलिस को नहीं था बड़ी घटना का अंदेशा
घटना के बाद पुलिस महकमें ने भी यह स्वीकार किया है कि यह अंदेशा नहीं था कि विवाद की परिणीति इस घटना के रूप में सामने आएगी। पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि पहले विवाद और आवेदनों के बाद दोनों पक्षों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा चुकी थी और दोनों ही पक्षों द्वारा एफआईआर किए जाने के बाद मामले की जांच जारी थी। क्योंकि दोनों पक्ष ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे तो पुलिस सभी पहलुओं पर ध्यान दे रही थी और इसी बीच यह घटनाक्रम सामने आ गया।
निष्पक्ष कार्यवाही का दिलाता हूं भरोसा: श्रुतकीर्ति सोमवंशी
इस घटनाक्रम और परिजनों के प्रदर्शन के बाद पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि मामले की जांच सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए की जा रही है और मैं परिजनों को यह भरोसा दिलाता हूं की जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी और जांच और साक्ष्य में जिस किसी का नाम भी सामने आएगा उसे पर एफआईआर दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाएगी किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा।
परिजनों की मांगों पर होगी त्वरित कार्यवाही: सुधीर कोचर
मामले में कलेक्टर ने स्पष्ट किया है की परिजनों की बातों को सुनते हुए उनकी मांगों के संबंध में पत्र लिया गया है और पुलिस प्रशासन उनकी मांगों पर पर त्वरित और नियमानुसार कार्रवाई करेगा। इसमें अनुकंपा नियुक्ति, मुआवजा और आरोपियों के घरों में की जाने वाली कार्यवाहियां शामिल है।
पारिवारिक विवाद की बात गलत: पीड़ित परिजन
घटना के पीछे का कारण पूर्व में बिल्डर की गाड़ी गाय के बछड़े पर चढ़ने को लेकर हुआ विवाद है जिसमें हाथापाई भी हुई थी और आरोपी लगातार हमें धमका रहे थे। घटना के पीछे कोई भी पुराना पारिवारिक विवाद होने की बात गलत है। सोमवार को उन्होंने जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया वह सभी को खत्म करना चाहते थे और सागर नाका चौकी में भी उनके द्वारा हमें डराया धमकाया गया था। हत्यारों करवाने बालों पर भी कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।