स्कूल प्रबंधन से डीईओ की मिलीभगत के आरोपों की जांच के लिए बाल कल्याण आयोग ने लिखा पत्र, चर्चाओं में डीईओ को हटाए जाने की बात
दमोह।नगर के गंगा जमुना स्कूल में छात्राओं को हिजाब में दिखाए जाने से शुरु हुआ मामले में लगातार कार्यवाही और विरोध देखने को मिल रहे है और मामले से जुड़े अधिकारी भी अब विरोध का निशाना बनने लगे है। मंगलवार को इसी तरह के एक विरोध का सामना जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा को करना पड़ा जब भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी करते हुए उन पर स्याही फेक दी गई ।
मामले को लेकर जहां प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने ट्वीट करते हुए इस घटना की निंदा की है, वहीं दूसरी ओर जिला अध्यक्ष प्रीतम लोधी ने मामले में शामिल तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया है। हालाकि घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई भी शिकायत अभी तक दर्ज नहीं कराई गई है और वह इसे भाजपा कार्यकर्ताओं का बिल से जुड़ा विवाद बता रहे है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद डीईओ द्वारा इस तरह का प्रयास किया गया था जिन्हे पुलिस द्वारा रोक लिया गया था।
कार्यालय गेट पर हुई घटना
मंगलवार को भाजपा जिला अध्यक्ष अमित बजाज, भाजपा के अनूपकांत रैकवार मोंटी समेत अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और नारेबाजी शुरु कर दी। वहीं इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी अपने शासकीय वाहन से जब कार्यालय से निकले तो उन्हें कार्यालय के द्वार के समीप भाजपा कार्यकर्ताओं ने रोकते हुए उनसे वाहन का कांच खोलने के लिए कहा और जैसे ही उन्होने कांच खोला भाजपा उपाध्यक्ष ने उन पर स्याही डालने का प्रयास किया जो उनके द्वारा हाथ से रोका गया। इसी बीच साथ खड़े मोंटी रैकवार ने उनपर स्याही फेक दी जो उनके चेहरे व शरीर सहित वाहन चालक के कपड़ो पर जा गिरी और इसके बाद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरु कर दी।
घटना के बाद दोनो पक्षों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए है।
आरोप हिंदू समाज का हुआ अपमान:
शिक्षा अधिकारी पर स्याही फेंकने बाले भाजपा उपाध्यक्ष अमित बजाज का कहना है कि आनन फानन में जांच कर स्कूल को क्लीन चिट दे दी जबकि उनके द्वारा हिंदू समाज की भावनाओं का अपमान किया गया था, जो निंदनीय है और इसी लिए हमारे द्वारा यह किया गया है। उनका कहना यह भी था कि उनकी भूमिका पहले दिन से ही संदिग्ध थी, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई थी और उनका सनातन धर्म पर यह प्रहार था। हम पहले ही यह घोषणा कर चुके थे कि हम यह करेंगे और इसलिए हमारे द्वारा यह किया गया है।
अधिकारी ने कहा बिल की है नाराजगी
वहीं मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने एक अलग कारण सामने रखा है। उनका कहना है कि उनका कहना है कि मुझ पर जो आरोप लगाए गए है, वह गलत है और मेरे पास इस मामले की जांच तक नहीं है यह उच्च स्तर पर की जा रही है। वहीं उनका कहना था कि स्याही डालने बालों के विभाग में शाला भवनों के सुधार से जुड़े अनुरक्षण के बिल बाकी है जो समय पर प्रस्तुत ना किए जाने के चलते बजट लैप्स हो गया जिसकी नाराजगी के चलते संभवत: यह कार्य किया गया है। हालाकि उनके द्वारा यह भी कहा गया कि उनपर स्याही फेंकने बालों को वह नहीं जानते लेकिन वह कुछ चेहरों को वह पहचानते है।
भाजपा ने की निंदा, जारी हुए नोटिस
शासकीय अधिकारी के साथ हुई इस घटना पर भाजपा ने अपना पक्ष रखते हुए इसकी निंदा की है और इसे गलत बताया है। इस संंबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भावनााओं में बहकर शासकीय अधिकारी पर स्याही फेंकने जैसे कृत्य करने का अधिकार किसी को भी नहीं है और और भाजपा इस तरह की किसी भी घटना का समर्थन नहीं करती है। दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम लोधी ने मामले को लेकर जिला अपाध्यक्ष अमित बजाज, मोंटी रैकवार सहित संदीप शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं सूत्र बताते है कि घटना में शामिल कार्यकर्ताओं व पदाधिकारी पर भाजपा सख्त कार्यवाही करने का विचार कर रही है।
डीईओ पर लगे मिलीभगत के आरोप
जहां एक ओर मामले के बाद भाजपा इसे गलत बता रही है, वहीं दूसरी ओर हिजाब प्रकरण मामले में जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर भी सबाल उठ रहे है और उन पर स्कूल प्रबंधन से मिलीभगत के आरोप लग रहे है। इसे लेकर राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानून गो ने निदेशक शिक्षा विभाग धनराजू एस को नोटिस जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी की स्कूल प्रबंधन से सांठगांठ व संलिप्तता सामने आने के मामले की जांच के लिए कहा है और प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करते हुए इसकी रिपोर्ट 7 दिन में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। दरअसल मामले के दौरान 9 मई 2023 का एक पत्र सामने आया है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एक आदेश पत्र जारी करते हुए हिजाब प्रकरण के आरोपी स्कूल प्रबंधन के गंगा जमुना इंटरप्राईजेस को तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए शासकीय प्राथमिक शाला जैतगढ़ माल के भवन को तेंदूपत्ता संग्रहण सहित कार्यरत लोगों के रुकने के लिए दिया जाना सामने आया है। आयोग ने इसे प्रथम दृष्टया शासकीय स्कूल को निजी हित में उपयोग किया जाना और पद का दुरुपयोग मानते हुए कार्यवाही की बात कही है।
अभाविप ने सौंपा ज्ञापन इन सभी मामलों और आरोप प्रत्यारोपों के बीच नगर के शासकीय उर्दू स्कूल के एक शिक्षक नाजिर खान पर भी इसी तरह के मामलों में संलिप्तता के आरोप लगाते हुए जांच व कार्यवाही की मांग की है। इसके अलावा उनके द्वारा गंगा जमुना स्कूल की मान्यता रद्द करते हुए उसे ब्लेक लिस्टेड करने, स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों के व्यवसायों की जांच करने सहित क्लीन चिट देने बाले अधिकारी के निलंबन की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।
स्कूल को जारी हुआ नोटिस
दूसरी ओर गंगा जमुना स्कूल की मान्यता को निरस्त किए जाने को लेकर कारण बताओं नोटिस स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है और मामले में तीन दिवस में संयुक्तसंचालक लोक शिक्षण संभाग सागर के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। स्कूल पर नियमों के तहत कार्य ना करने समेत अन्य आरोप है जिस पर यह कार्यवाही की गई है और बताया जा रहा है कि उचित व संतोषजनक जबाव ना मिलने पर स्कूल की मान्यता निरस्त किए जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में ही स्कूल की मान्यता को निलंबित किया जा चुका है।
जिला शिक्षा अधिकारी के तबादले की चर्चाएं
जहां एक ओर मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही फेकने का मामला चर्चाओं में रहा, वहीं दूसरी ओर उन्हे हटाए जाने की चर्चाएं भी गर्म है। दरअसल प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का एक वयान सामने आया है जिसमें वह जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल हटाए जाने की बात कह रहे है। हालाकि इस संबंध में देर रात तक कोई भी पत्र संंबंधित विभाग द्वारा जारी नहीं हुए है और मामले में संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग श्री वर्मा से चर्चा किए जाने पर उनका कहना था कि अभी तक इस संबंध में कोई भी पत्र जारी नहीं हुआ है जिसके चलते कार्यवाही की पुष्टी नहीं की जा सकती है और जो भी आदेश आता है उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।