गंगा जमुना प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

जांच में क्लीन चिट दिए जाने पर एसपी व कलेक्टर ने दिया स्पष्टीकरण

द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने की सुनवाई

दमोह। नगर के चर्चित हिजाब मामले में अब तक गिरफ्तार हुए स्कूल प्राचार्य समेत शिक्षक व चौकीदार की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया गया। सुनवाई के दौरान साक्ष्यों के लिए कलेक्टर व एसपी को भी न्यायालय में बुलाया गया था, जिनके स्पष्टीकरण भी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दर्ज किए गए।

मामले के संंबंध में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक मुकेश जैन मंटू ने बताया कि गंगा जमुना स्कूल के हिजाब मामले में आरोपी बनाए गए लोगों में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी स्कूल प्राचार्य अफ्शा शेख, शिक्षक अनस अतहर व चौकीदार रुस्तम अली को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रखा गया था जिसके बाद उनके द्वारा जमानत याचिका प्रस्तुत की गई जिसे सुनवाई के लिए द्वितीय जिला एवं संत्र न्यायाधीश रजनी प्रकाश बाथम के समक्ष लाया गया था। याचिका में सुनवाई पर माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों पर सहमत होते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।

कलेक्टर व एसपी ने दिया स्पष्टीकरण

वहीं मामले में आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा जमानत पर रखे गए तर्क व साक्ष्यों की पुष्टी के लिए कलेक्टर मयंक अग्रवालपुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह को भी न्यायालय में उपस्थित होना पड़ा। दरअसल मामले के शुरुआती दौर में हुई जांच में पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपी स्कूल प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी गई थी और इसको लेकर कलेक्टर दमोह के सोशल मीडिया एकाउंट से 30 मई को ट्वीट भी किया गया था। जिसके आधार पर डिफेंस काउंसिल में शामिल अधिवक्ता गजेन्द्र चौबे और अनुनय श्रीवास्तव ने न्यायालय में यह तर्क रखा था कि मामले में पहले क्लीन चिट दी जा चुकी है जिसके बाद इस तरह का मामला बनाया जाना गलत है। वहीं इस न्यायालय में उपस्थित दोनों अधिकारियों ने इस बिंदु पर बताया कि प्रारंभिक जांच जिला शिक्षा अधिकारी व कोतवाली थाना प्रभारी द्वारा की गई थी, जिन्होने लगाए गए पोस्टर को लेकर अपनी जांच की थी और उसपर क्लीन चिट दी गई थी।

देश विरोधी गतिविधियां मिली तो नहीं करेंगे पैरवी

अनुनय श्रीवास्तव

जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं में शामिल अनुनय श्रीवास्तव ने न्यायालय के समक्ष यह कहा कि अधिवक्ता पद के दायित्वों और पेशे के चलते हमारा कार्य है किसी पक्ष को सामने रखने का। लेकिन इस दौरान यह भी देखना होता है कि उस पक्ष से समाज को कोई क्षति ना पहुंचे। ऐसे में मेरे द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यदि इस मामले के तार किसी ऐसी गतिविधियों से जुड़े सामने आते है जो देश विरोधी है तो हम मामले से अपना वकालत नामा बापस ले लेंगे। फिलहाल वह स्कूल और उससे जुड़े बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर पैरवी कर रहे है।

शेष आरोपियों की गिरफ्तारी का हो रहा प्रयास

मामले में अभी तक पुलिस महज तीन गिरफ्तारियां कर पाई है जिनकी जमानत याचिका निरस्त किए जाने के चलते फिलहाल उन्हे जेल में ही रहना होगा। वहीं दूसरी ओर पुलिस मामले की अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर लगातार दविश दे रही है, लेकिन उसे कोई भी सफलता अभी नहीं मिली है। हालाकि सूत्र बताते है कि जल्द ही पुलिस अन्य आरोपियों तक पहुंचेगी और उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।

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