आचार संहिता में भी लेकर चल रहे बड़ी राशि, अभी तक 29 लाख जब्त

नियम निर्देशों के बाद भी लगातार सामने आ रहे मामले, एसएसटी कर रही कार्यवाही

दमोह। विधानसभा चुनावों के चलते आदर्श आंचार संहिता लागू होने के बाद अब चुनाव के दौरान भारी भरकम पैसों का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने मे उपयोग ना किया जा सके इसके लिए नियमों के तहत ५० हजार से अधिक राशि को अपने साथ लेकर चलने पर उक्तराशि का सत्यापन व जांच किए जाने के प्रावधान लागू हो गया है। इसके बाद भी कुछ अंजाने में और कुछ जानकर अभी भी तय राशि से ज्यादा परिवहन कर रहे है। आचार संहिता लागू होने के बाद जिले की चारो विधानसभाओं में कुल 14 मामलों में शनिवार तक 29 लाख रूपए एसएसटी टीम द्वारा जब्त किए गए है। इसके अलावा एक कार्यवाही में प्रचार से जुड़ी सामग्री को भी जब्त किया जा चुका है। जब्त की गई रकम को कोषागार में जमा करा दिया गया है और सत्यापन उपरांत ही यह संबंधित व्यक्तिको वापस की जाएगी।

नियमों का ध्यान रखना जरूरी

इस संबंध में जो नियम प्रभावशील है उसमें कोई भी व्यक्ति 50 हजार से ज्यादा की नगदी अपने साथ लेकर नहीं चल सकता और ऐसे ही नियम सोने चांदी जैसे अन्य बस्तुओं पर भी लागू होंगे। ऐसे में यदि कोई 50 हजार से अधिक की रकम साथ लेकर मिलता है तो उक्त राशि के संबंध में पूछताछ करते हुए उसका सत्यपान संबंधी दस्तावेज मांगे जाएगें और यदि संबंधित व्यक्ति के पास उपलब्ध दस्तावेज और जानकारियों से संतुष्ट हो जाता है तो रकम को तत्काल मौके पर ही लौटा दिया जाएगा। वहीं यदि मौके पर उक्त राशि का सत्यापन नहीं हो सकता या टीम संंतुष्ट नहीं होती है तो किया गया तो राशि जब्त कर उसे कोषागार में जमा कर दिया जाएगा। यदि जब्त राशि 10 लाख से अधिक की होती है तो यह मामला जांच के लिए आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा जो उक्तरकम का प्रायोजन व सोर्स की जांच करेंगे।

फिर भी होगा मौका

ऐसा नहीं है कि जब्त राशि कोषागार में जमा होने पर यह राशि संबंधित व्यक्ति को वापस नहीं मिल सकती। इसके लिए भी प्रावधान किए गए है जिसमें अपनी रकम वापसी के लिए निर्वाचन कमेटी के शिकायत निवारण समिति के समक्ष आवेदन कर सकता है। इसके लिए निर्धारित तरीके से संबंधित व्यक्ति को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे और दस्तावेजों की फाइल निर्वाचन कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होगी जिसमें एडीएम, जिला पंचायत सीईओ सहित कोषागार अधिकारी शामिल है। निर्वाचन कमेटी सदस्य प्रस्तुत दस्तावेजों व कथनों के आधार पर यह निर्णय लेंगे कि जब्त राशि वापसी योग्य है या नहीं और उक्त निर्णय उपरांत राशि वापस की जाएगी। 10 लाख से अधिक की जब्त राशि में आयकर विभाग की जांच भी शामिल की जाएगी। उल्लेखनीय यह भी है कि उक्त कार्यवाही महज राशि जब्त किए जाने तक ही नहीं रहेगी और कार्यवाही के दौरान संबंधित व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए टीम उसके पहचान संबंधी दस्तावेजों का भी सत्यापन करेगी और यदि राशि अवैध या गलत तरीके की पाई जाती है तो संबंधित व्यक्तिपर भी कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।

अभी तक कोई भी बापसी नहीं

जिले की विधानसभा में विभिन्न चेक पोस्ट व अन्य तरीकों से की गई कार्यवाही में कुल १४ मामलों में 29 लाख रूपए जब्त किए जा चुके है। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई लोगों द्वारा बेची गई फसल सहित अन्य स्तर पर राशि प्राप्त होने की बात का हवाला दिया गया है और जब्त राशि लौटाने के लिए शनिवार तक कुल 5 लोगों द्वारा अपनी फाइल प्रस्तुत की गई है। इन सभी आवेदनों पर अभी तक निर्वाचन कमेटी द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है जिससे कोई भी राशि अभी तक वापस नहीं की गई।

इन बातों का रखे ध्यान

नियमों का पालन सुनिश्चित कराने बाले अधिकारी भी यह मानते है कि जरूरी नहीं है कि रकम गलत सोर्स से आई हो लेकिन फिर भी चुनाव में धन से मतदाताओं को प्रभावित करने से रोके जाने के लिए कार्यवाही जरूरी है। ऐसे में यदि किसी कारण से 50 हजार से अधिक के परिवहन की स्थिति में यह अपने साथ उक्त राशि की प्राप्ती का सोर्स, बैंक पासबुक, बिल आदि साथ रख सकते है। वहीं उक्तरकम कहां से लाई गई है और कहां दी जानी है इसके लिए भी आवश्यक जानकारी साथ रखे ताकि सत्यापन उचित तरीके से हो सके और तय राशि से ज्यादापरिवहन करते समय अपनी पहचान से जुड़े दस्तावेज भी साथ रखे। इसके अलावा यदि कोई खरीदी हुई कीमती वस्तु जैसे सोना चांदी के आभूषण आदि के बिल भी साथ रखे। उल्लेखनीय यह भी है ऐसी कार्यवाही महज राशि या कीमती वस्तुओ पर ही नहीं है, यदि मतदाता को प्रभावित या प्रलोभन की संभावना से जुड़ी कोई भी बस्तु आप साथ रखते पाए जाते है तो यह जांच व सत्यापन किया जाएगा।

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