दिखावे में सिमटा दिया विश्व विकलांग दिवस सामर्थ्य कार्यक्रम

ना खाने के पर्याप्त इंतजाम किया ना मंच का और चंद प्रतियोगिताओं में हो गया आयोजन

दमोह। शासन द्वारा दिव्यांगो के हितों को ध्यान में रखकर विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर पर जिला स्तर पर जिला स्तरीय सामर्थ्य प्रदर्शन व खेलकूंद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इस वर्ष 3 दिसम्बर के स्थान पर 14 दिसम्बर गुुरुवार को आयोजित हुआ। निशक्त कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा यह आयोजन संयुक्त रूप से नगर के तहसील मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में दिव्यांगो के लिए की गई व्यवस्थाएं नाकाफी नजर आयी और जिला स्तरीय आयोजन दिखावा कर सिमटा दिया गया। जहां एक ओर शासन द्वारा इस आयोजन में कई बड़ी प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक गतिविधियों को आयोजित किए जाने की बात कही जा रही थी, वहीं दूसरी ओर चंद प्रतियोगिता, चंद सांस्कृतिक गतिविधियां ही यहां देखने को मिली और भोजन पानी के आवश्यक इंतजाम भी यहां नाकाफी नजर आए।

7 विकासखंड के महज स्कूली बच्चे

एक ओर शासन के निर्देशों के तहत इस आयोजन में एथलेटिक्स, तैराकी, बास्केटबाल, बैडमिंटन, क्रिकेट, साईक्लिंग, सामथ्र्य एवं वर्ग अनुसार हॉकी, फुटबाल, टेबल टेनिस, टेनिस, शतरंज, बॉलीवाल आदि खेलकूद होने थे इसके साथ ही दिव्यांगजनों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे एकल नृत्य, सामूहिक गान, संगीत, नाट्य, फेन्सी ड्रेस आदि कार्यक्रमों के साथ दिव्यांगजनों द्वारा हस्थशिल्प की प्रदर्शिनी को भी रखने के निर्देश थे। लेकिन विभागीय संयुक्त कार्यक्रम के लिए ना तो उचित प्रचार प्रसार किया गया ना दिव्यांग व निशक्तजनों तक सूचना पहुंचाई गई, जिससे जानकारी के अभाव में निशक्तजनों को यहां सामथ्र्य दिखाने का मौका ही नहीं मिला, ना इसके लिए कोई मंच आदि तैयार किया गया था। औपचारिकता के लिए जिले के दिव्यांग जनों के नाम पर महज स्कूली छात्रों की सहभागिता इसमें कराई गई और मैदान में एक छोटे टेंट को लगाकर दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं के सहारे ही पूरी खेलकूंद प्रतियोगिता आयोजित करा दी। सांस्कृतिक प्रतियोगिता के लिए भी गैलरी को ही मंच का रूप देकर उसमे आयोजन पूर्ण दिखाया गया।

गत्ते के डिब्बे में मिला अपर्याप्त भोजन

दूसरी ओर आयोजन में बच्चों को पानी और भोजन जैसी सुविधाओं को पूर्ण किया जाना प्राथमिकता रखी गई थी, लेकिन आयोजन में जो हालाता सामने आए उसमें बच्चों के लिए पानी व्यवस्था के नाम पर पानी के कंटेनर तो रखवाए गए लेकिन वहां निश्क्तजन पानी कैसे पिएगें इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वभोजन के नाम पर गत्ते के बॉक्स में उन्हें भोजन की व्यवस्था कराई गई लेकिन वहां मौजूद विभागीय कर्मचारियों और अन्य लोगों द्वारा उसे भी बच्चों से पहले खा लिया गया जिसके चलते कई बच्चों को भोजन नहीं मिल सका। इस संबंध में जानकारी के लिए जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।

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