जंगलों में सड़ रहे गायों के अवशेष, बदबू से परेशान हो रहे लोग

खकरिया, इमलीडोल के जंगलों में देखे जा रहे हालत, प्रशासन उदासीन

दमोह। तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र और तेंदूखेड़ा नगर से सटे खकरिया इमलीडोल के जंगलों में इन दिनों गौवंश और मवेशियों के अवशेष नजर आ रहे है। बताया जा रहा है कि यहां मृत मवेशी फेके जा रहे हैं और ऐसा करने बालों को कोई सरोकार नहीं है कि उनके इस कृत्य से लोगों के स्वास्थ्य या वनप्राणियों पर क्या असर होगा। वहीं ऐसे हालातों के बाद भी वन विभाग द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही जिससे हालात और भी बिगड़ रहे है।

बड़ी संख्या में गायों के शव व अवशेष

खकरिया बीट में जब राष्ट्र वैभव टीम द्वारा हालातों को देखा गया तो सामने आया कि यहां बड़ी संख्या में गायों के शव और अवशेष पड़े हुए थे, जिन्हें कुत्ते और गिद्ध खा रहे थे। आसपास के अन्य क्षेत्र को देखने में भी मवेशियों कंकाल व अवशेष नजर आए जो परेशान करने वाले थे।

लोगों के लिए परेशानी

हालातों के किले यहां से निकलने वाले लोग बदबू से परेशान है। बताया जा रहा है कि अनेक वर्षों से इन मार्गो पर मृत मवेशियों को फेका जा रहा है, जिससे यहां की हवा में ही यह बदबू घुल गई है। ऐसी स्थिति नगर से खकरिया सहित अन्य मार्गों पर बनी है नगर से सटे इमलीडोल ,भटरिया मार्ग ,नँरगुवा मार्ग पर घूमने वालों को परेशानी हो रही है जबकि इन मार्गों में सबसे अधिक सुबह घूमने के लिए लोग जाते हैं इन मार्ग पर मृत मवेशियों के शवो की दुर्गंध लोगों की परेशानी की वजह बनी हुई है। लोग बताते है कि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी लेकिन अब हालत बिगड़ रहे है क्योंकि लगातार मृत मवेशी यहां फेके जा रहे है। इस संबंध में स्थानीय लोग कमल नारायण यादव ,राजू साहू , लखन लाल यादव ,नन्हाई पहलवान सुदीप त्रिपाठी मनीष नामदेव ,रत्नेश जैन , अँगद सिह , डॉ जितेंद्र भदौरिया गुड्डन सोनी , सहित अन्य लोगों ने बताया कि जिस तरह के हालत है उसके चलते यहां से निकलना भी मुश्किल है और स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।हालाकि स्तिथियों को लेकर बन अमला अब कार्यवाही की बात कह रहा है।

मैं दिखवाती हूं और कार्रवाई करती हूं

सृष्टि जैन
वन परीक्षेत्र अधिकारी

तेंदूखेड़ा से विशाल रजक

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