सड़कों पर बैठे मवेशी और तेज रफ्तार वाहनों से लगातार सामने आ रही दुर्घटनाएं
दमोह। जिले के प्रमुख मार्गों और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क पर आए दिन मवेशियों के बैठने और वाहनों की रफ्तार तेज होने से हादसे सामने आ रहे है। भारी वाहनों की चपेट में आने से मवेशियों के साथ आमजन भी काल के गाल में समा रहे है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया शनिवार रात तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र में दमोह मार्ग पर एक तेज रफ्तार जननी 108 वाहन ने एक दर्जन गायों को टक्कर मारते हुए सड़क किनारे पलट गया। घटना में 7 गायों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और आधा दर्जन गाय गंभीर रूप से घायल हो गई घटना की जानकारी लगते ही डायल 100 और गौशाला की टीम मौके पर पहुंची और घायल हुए गायो का इलाज किया गया।
तेज रफ्तार था वाहन
जानकारी अनुसार तेन्दूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम सांगा के समीप एक तेज रफ्तार जननी 108 वाहन के चालक द्वारा तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाते हुए सड़क पर बैठी गायों को टक्कर मारी और उसके बाद 108 वाहन भी सड़क किनारे पलट गया। घटना की जानकारी राहगीरों द्वारा डायल 100 और गौशाला को दी गई जहां मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेकर मामला दर्ज कर जांच में लिया है वहीं गौशाला के अध्यक्ष संजय जैन भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घायल पड़ी गायों को उठाकर गौशाला लाए जहां पर उनका इलाज कि चल रहा है। घटना के बाद वाहन चालक पांजी निवासी नंदराम सेन मौके से भाग निकला।
बिना मरीज के कहां जा रहा था वाहन?
वाहन के संबंध में सांगा के लोगों ने बताया कि 108 वाहन दमोह की तरफ से तेन्दूखेड़ा जबलपुर तरफ जा रहा था जिसमे कोई भी मरीज मौजूद नहीं था। लोगों का आरोप है कि 108 के वाहन चालकों द्वारा फर्जी आईडी लेकर 108 वाहनों का गलत कामों में उपयोग किया जाता है और दमोह की 108 वाहन बिना मरीज के खाली कहा जा रही थी।
गौ संरक्षण योजनाओं की सामने आ रही हकीकतa
आए दिन सामने आ रही इन घटनाओं के बाद इसलिए में संचालित को संरक्षण योजनाओं की हकीकत भी सामने आ जाती है। आखिरकार ज्यादातर गांव में संचालित हो रही शासन से अनुदान प्राप्त गौशालाओं में यह मवेशी क्यों नहीं होते और यह सड़कों पर कैसे पहुंच जाते हैं। इन हालातों पर पशुपालन मंत्री लखन पटेल है और कलेक्टर द्वारा भी मवेशियों को मार्गों से हटाने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन आदेशों को दरकिनार किया जा रहा है जिससे ऐसे हादसे लगातार सामने आ रहे है।