एक साथ चार चिताओं को देख गमगीन हुई हर शख्स की आंखें

नोहटा थाना क्षेत्र के ग्राम डूमर में रविवार को डूबने से हुई है चार बच्चों की मौत, मामले में नोट स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों को समय पर इलाज न मिल पाने की भी लग रहे आरोप

दमोह। जिले के नोट थाना क्षेत्र के ग्राम डूमर में रविवार की शाम मिट्टी खोदे जाने से बनी एक खंती में नहाने उतारे चार बच्चों की डूब जाने से मौत हो गई। पानी में डूबे तीन बच्चों को जहां जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने जांच के उपरांत मृत घोषित कर दिया वहीं एक बच्ची का शव देर रात पानी में मिला। घटना के बाद पीड़ित परिवार और ग्रामीणों में शोक व्याप्त है और घटना को लेकर जन्म प्रतिनिधियों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है साथ ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मृतकों के परिवारजनों को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा के साथ मामले की जांच की भी आदेश दे दिए हैं।

भंडारे से लौट रहे थे बच्चे

जानकारी अनुसार क्षेत्र में बारिश न होने के चलते ग्राम डूमर के लोगों द्वारा एक टोटका रविवार को किया गया था जिसमें बच्चे एक मेंढकी को लेकर सारे गांव में घूमते हैं और उसके बाद ग्राम के खैर माता मंदिर में पूजा पाठ कर भंडारा आयोजित किया जाता है। इसी भंडारे में ग्राम बच्चों के साथ राजेश्वरी पिता हनुमत 11 वर्ष, माया पिता अर्जुन सिंह 9 वर्ष, प्रसंशा पिता यशवंत सिंह 12 वर्ष और रागिनी पिता हनुमत लोधी 12 वर्ष वे शामिल थे जो भंडारे से लौट के बाद ग्राम में बनी खंती में नहाने के लिए पहुंच गए। बताया जा रहा है कि इस दौरान खंती का एक हिस्सा टूट गया जिसके चलते बच्चे पानी में गिर कर दब गए। मामले की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को मिलने पर आनन फानन में पानी में डूबे तीन बच्चों राजेश्वरी, माया और प्रसंसा को बाहर निकाल कर तत्काल ही स्वास्थ्य केंद्र नोहटा लाया गया जहां पर इलाज न मिलने की स्थिति देखते हुए परिजन तीनों को जिला अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

देर रात मिला चौथी बच्ची का शव

घटना के बाद चौथी बच्ची रागिनी की कोई भी जानकारी परिजनों और ग्रामीणों को नहीं मिल रही थी जिससे अनुमान लगाया गया की घटना को देखने के बाद वह डर के चलते कहीं चली गई है। लेकिन कुछ घंटों बाद ग्रामीणों ने उसका शव भी पानी में तैरते देखा इसके बाद उसकी भी इस घटना में मौत की पुष्टि हुई। चौथी बच्ची का शव मिलने के बाद मौके पर पुलिस महकमे के आला अधिकारी पहुंचे और परिस्थितियों की जानकारी लेते हुए बच्ची के शव को जिला अस्पताल में पहुंचाया गया।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान

इस घटना के बाद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। दरअसल मृतक बच्चों के परिजनों के यह आरोप है कि पानी से निकलने के बाद वह बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र नोहटा लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार करने पर भी उन्हें कोई भी इलाज नहीं मिल सका और वहां पदस्थ अमला भी मौजूद नहीं था। परिजनों की माने तो इस दौरान बच्चों की सांसे चल रही थी लेकिन जिला अस्पताल लाने के दौरान उनकी मौत हो गई। उनका कहना है कि यदि समय पर बच्चों को इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। इस घटना को लेकर मृतक बच्चों के परिजनों और ग्रामीणों ने कलेक्टर को एक लिखित आवेदन सौंपते हुए स्वास्थ्य केंद्र नोहटा में पदस्थ अमले पर कार्यवाही की मांग की है और ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। दूसरी ओर जिस खंती में बच्चों के डूबने की जानकारी सामने आई है उसे भी ग्रामीण पूर्व में सड़क निर्माण के लिए मिट्टी निकलने पर निर्मित होना बता रहे हैं। बाद में इस खंती में पानी भरने से बच्चे उसमें नहाने भी जाने लगे थे जिसके चलते यह हादसा सामने आया।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार

जिला अस्पताल में मौत की पुष्टि होने के बाद चारों बच्चों के शव जिला अस्पताल के शव गृह में रखवा दिए गए थे और सोमवार सुबह उनकी पोस्टमार्टम कार्यवाही के बाद पुलिस व प्रशासनिक अमले की उपस्थिति में शवों को उनके गृह ग्राम डूमर में भेज दिया गया था। जहां पर राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी समेत पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार किया गया। गांव में चार मासूम बच्चों की एक साथ चिताएं जलते देख वहां मौजूद हर एक शख्स भावुक हो गया इस दौरान धर्मेंद्र लोधी ने घटना पर दुख जताते हुए यह आश्वासन दिया कि वह पीड़ित परिवार की हर संभव मदद के लिए प्रयास करेंगे।

संवेदनाओं के साथ सहायता की घोषणा

चार बच्चों की मौत की घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत जिले के प्रभारी मंत्री, राज्य मंत्री व विधायकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए घटना पर अपना दुख जताया और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की बात कही। इसी दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतक बच्चों के परिवार जनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि की घोषणा भी की है।

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