तेंदूखेड़ा क्षेत्र के धनगौर तालाब की दीवार में भारी बारिश के बाद हुआ है छेद,जानकारी सामने आने के बाद मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
स्तिथि में सुधार न हुआ तो खाली कराए जायेंगे ग्राम
दमोह। जिले के तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के ग्राम धनगौर के तालाब में गुरुवार को तालाब की पार में रिसाव और छेद होने की जानकारी सामने आने पर हड़कंप के हालात निर्मित हो गए। मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों मिलने पर एसडीएम अविनाश रावत , एसडीओपी देवी सिंह ठाकुर, जनपद सीईओ मनीष बागरी, तहसीलदार सोनम पांडे सिंचाई विभाग के रवि त्रिपाठी सहित सिचाई विभाग अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और स्थितियों को सुधारने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। स्थितियों को देखते हुए जहां प्रशासन ने सभी को अलर्ट पर रखा है वहीं ग्रामीण भी तालाब में रिसाव और छेद की जानकारी मिलने के बाद दहशत में दिखाई दे रहे हैं।
जानकारी अनुसार गुरुवार दोपहर धनगौर तालाब में अचानक एक छेद सामने आया जिससे तालाब की दीवाल से पानी की धार निकलने लगी। इसकी सूचना ग्रामीणो के द्वारा सिचाई विभाग को दी गई बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक व सिंचाई विभाग की अमले ने तालाब के अंदर हुए छेद को तलाश करना शुरू किया और शाम करीब 6:00 बजे उस स्थान को खोज लिया गया है जिसके बाद अब उसमें सुधार के प्रयास किया जा रहे हैं ताकि तालाब फूटने से रोका जा सके। हालाकि स्पष्ट ये भी किया गया है कि जैसे ही सिचाई विभाग के इंजीनियर अगर कोई संभावना बताते है तो तत्काल दो घंटे में संबधित ग्रामो को खाली करा दिया जाएगा जिसके के लिए अनेक ट्रैक्टर ट्राली एवं स्कूलो को रिजर्व कर लिया गया है।
आशंकित है आसपास के ग्रामीण
इस दौरान धनगौर सरपंच सहित ग्रामवासी भी तालाब पर पहुंच गए थे। और धनगौर सहित वादीपुरा, अमवाही ग्राम सहित आस पास के ग्रामीणो को डर सता रहा है कि अगर तालाब फूट गया तो ग्रामो में पानी भर जाएगा और सभी फसले चौपट होंगी साथ ही साथ मकान को भी काफी नुकसान होगा। हालातों को देखते हुए एसडीएम ने वादीपुरा ग्राम को अलर्ट पर रखा गया है साथ ही तत्काल ग्राम को खाली कराने की तैयारी कर रखी थी। बताया जा रहा है कि धनगौर तालाब में 0.81 मिलियन क्यूविक मीटर पानी भरा हुआ है। जिससे खरीब और रवि की फसलो की कुल 318 हेक्टयर जमीन की सिचाई की क्षमता है। हालांकि छेद की सही लोकेशन देर शाम तलाश कर ली गई है जो तालाब की सबसे नीचे बाली दीवार का हिस्सा था जिससे अधिकारियों और लोगों ग्रामों के लोगों को भी तालाब फटने का खतरा मंडरा रहा था। इसके बाद छेद को बंद करने के प्रयास शुरू किए गए और लोगों की मदद से छेद में रेत की बोरियों काली मिट्टी पत्थर आदि सामग्री से लिंकेज और दीवार के पास डलवाने का प्रयास करने के साथ ही तालाब का बेस्ट बेयर खोलकर बड़ी संख्या में पानी की निकासी शुरू हुई जिससे तालाब में पानी का ज्यादा भराब ना हो ।
पिछले साल फूटा था पौड़ी जलाशय
उल्लेखनीय है कि 2023 में जेतगढ़ पौड़ी का तालाब फूटने के कारण दो ग्रामो में कई फिट पानी भर गया था साथ ही सभी फसले चोपट हो गई थी इसके अलावा अनेक मकान भी गिर गए थे। जिस कारण तालाब फूटने से बड़ा नुकसान होने की चिन्ता लोगो को सता रही है। उस मामले में भी जब तालाब के फूटने की जांच की गई है अधिकारियों ने बचने के चक्कर में जांच रिपोर्ट में चूहा द्वारा तालाब में छेद कर देने के कारण तालाब फूटने की बात सामने आई थी जबकि ग्रामीणों ने बीते चार सालों से तालाब की मरम्मत और सुधार कार्य सहित लिंकेज की बात कहते रहे लेकिन अधिकारियों और जनपद ने ध्यान नहीं दिया और तालाब फट गया जहां किसान अब एक फसल के भरोसे ही निर्भर है।