यदि फाल्ट बनता तो चोरों की जान जाने सहित अनेक ग्रामों की बिजली हफ्तों रहती बंद
दमोह। जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाली चोरी की घटना सामने आई है जिसमें चोरों ने लगभग 50 हजार के तांबे के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रांसफार्मर की न्यूट्रल पट्टी चुरा ली। न्यूट्रल पट्टी चुराए जाने के बाद ना सिर्फ करीब 5 करोड़ की लागत के ट्रांसफार्मर के खराब होने का खतरा पैदा हो गया था बल्कि तेजगढ़ सहित दर्जनों गांव की बिजली कई दिनों तक गुल हो जाने की स्थिति भी बन गई थी।गनीमत यह भी थी कि ट्रांसफार्मर के तेज प्रवाह करंट की चपेट में अज्ञात चोर नहीं आए वरना उनकी भी मौके पर दर्दनाक मौत से हो सकती है। 14 अप्रैल को बताई जा रही इस चोरी की घटना सामने आने के बाद बिजली कंपनी के अधिकारियों ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है जिसके बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं सामने आ रहा है कि दिसंबर माह में भी राजाबंदी ग्राम के बिधुत सब स्टेशन से इसी प्रकार की चोरी की घटना हुई थी।
न्यूट्रल पट्टी को काटकर निकाला
प्राप्त जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के जबलपुर डिवीजन अंतर्गत ग्राम तेजगढ़ में 132 केवी का सब स्टेशन है, जहां चालू ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं और इन्हीं ट्रांसफार्मर की मदद से तेजगढ़ सहित आसपास के दर्जनों गांव में बिजली पहुंचाई जाती है। यहां लगे ट्रांसफार्मर में लगी तांबे की न्यूट्रल पट्टी को अज्ञात चोरों द्वारा काटकर चुरा लिया गया। हैरानी की बात यह है की ट्रांसफार्मर में लगी यह संवेदनशील तांबे की पट्टी सब स्टेशन पर तैनात ऑपरेटर और सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी और विद्युत प्रवाह चालू रहने के दौरान हुई है, जिसके चलते उनकी भी सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है।
अधिकारियों के फूले हाथ पैर
घटना में गनीमत रही कि कोई भी बड़ा फाल्ट इस दौरान सामने नहीं आया क्योंकि यदि ट्रांसफार्मर बुशिंग के संपर्क में आ जाते हैं तो होने वाली घटना या आने वाली समस्या का अंदाजा भी कठिन हो जाता। वहीं जैसे ही इसकी जानकारी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को हुई वह सकते में आ गए और आनन-फानन में भोपाल क्षेत्र में शीघ्र चालू होने वाले नए ट्रांसफार्मर की चार्जिंग रोकते हुए उसकी पट्टी निकलवाई ओ ट्रांसफार्मर के उस हिस्से को बाहर निकाल कर तेजगढ़ भेज कर उसमें सुधार जांच के बाद वापस विद्युत प्रवाह चालू करा कर सप्लाई शुरू की गई। ट्रांसमिशन कंपनी के जानकार बताते हैं कि जो पट्टी चोरी हुई है वह सामान्य रूप से नहीं मिलती है और बिजली कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर के मापदंडों को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से ऑर्डर देकर की बनवाई जाती है। चूंकि इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए भोपाल में नए ट्रांसफार्मर की चार्जिंग रोककर व्यवस्था बना ली गई अन्यथा ट्रांसफार्मर बनाने वाली कंपनी यह पार्ट को बनाने में कम से कम 1 माह का समय लेती और इस दौरान ट्रांसफार्मर की सप्लाई खेत में आने वाले सभी गांव को बिजली समस्या से जूझना पड़ता।
फाल्ट से होते कई और खतरे
अज्ञात चोरों द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर जिस पत्ती को चुराया गया है उसकी कीमत करीब 50 हजार है लेकिन वह ट्रांसफार्मर सुरक्षा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब भी फीडर में कोई बड़ा फॉल्ट आता है तो इसी तांबे की पट्टी के द्वारा ही करंट अर्थ होता और उसके ना होने से चलते कई गंभीर खतरे सामने आ सकते थे। चोरी होने के बाद यह गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा फाल्ट नहीं आया अन्यथा 5 करोड़ की लागत के ट्रांसफार्मर के जल जाने के साथ इसका असर ट्रांसफॉर्मर से जुड़े अन्य उपकरणों पर भी पड़ता जिससे आर्थिक नुकसान ही नहीं सब स्टेशन पर कार्य करने वाले लोगों की जान को भी खतरा हो सकता था। ऐसे में महज कुछ हजारों के लिए चोरों ने ना सिर्फ करोड़ो के ट्रांसफार्मर को खराब करने की तैयारी कर ली थी बल्कि साथ ही साथ अपनी और दूसरों की जान को खतरा पैदा करते हुए हजारों ग्रामीणों को बिजली विहीन होने की स्थिति में पहुंचा दिया था।
इनका कहना है
चोरों द्वारा जो तांबा चुराया गया है कीमत करीब 50 हजार है लेकिन महत्वपूर्ण यह है यदि इसके चलते कोई बड़ा फाल्ट बनता तो बड़े आर्थिक नुकसान के साथ जनहानि सहित कई अन्य समस्याएं भी सामने आती।
शशिकांत ओझा (जनसंपर्क अधिकारी)
मप्र पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड
बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में आवेदन दिया गया है जांच की जाएगी।
विकास उपाध्याय
थाना प्रभारी तेजगढ़