मामले में न्यायालय ने माना है हार्ट अटैक से मौत होना
दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र में वर्ष 2010 में विधानसभा पथरिया के पूर्व विधायक मणिशंकर सुमन की मौत के मामले में दो दिन पूर्व मृतक के परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस पर दबाव के चलते मामले में 7 वर्ष से केस डायरी प्रस्तुत ना किए जाने के आरोप लगाए थे। शिकायतकर्ताओं द्वारा पुलिस अधीक्षक से मामले में कार्यवाही किए जाने पर आवेदन पर संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने कार्यवाही के आदेश भी दिए है। वहीं अब इस मामले का दूसरा पक्ष भी सामने आया है जिसमें रिश्ते में मृतक के भाई प्रेमशंकर सुमन द्वारा भी पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट जल्द से जल्द न्यायालय में भेजे जाने की मांग की गई है। आवेदक द्वारा आवेदन में मांग की गई है कि कोतवाली पुलिस द्वारा जांच रिपोर्ट न भेजे जाने और एक पक्ष के आवेदन के चलते उनकी व उनके परिवार की छवि धूमिल हो रही है, इसके चलते जल्द प्रतिवेदन रिपोर्ट न्यायालय में भेजी जाए।
ज्ञापन में उल्लेखित किया गया है कि आवेदक के साथ उसकी पत्नि एवं पुत्र त्रिलोक सिंह को एक झूठे अपराध में शिकायतकर्ता अशोक भारती के द्वारा फसाया गया था। शिकायत पर थाना कोतवाली में हत्या का मामला दर्ज हुआ है जिसमें विवेचना उपरांत प्रकरण में खारिजी न्यायालय में पेश की गई। इसी पर शिकायतकर्ता अशोक भारती के द्वारा अपील करने पर मृतक के शरीर में छिलने के निशान होने के चलते पर उक्त छिलन की जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने न्यायालय द्वारा थाना कोतवाली को निर्देशित किया था।
जांच हो चुकी है पूर्ण
जानकारी अनुसार न्यायालय के आदेश पर मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने जांच करते हुए चिकित्सकों से मृतक के शरीर में पाए गए छिलने के निशान के संबंध में क्योरी कराई जा चुकी है, जिसकी रिपोर्ट न्यायालय में भेजा जाना शेष है। चूंकि मामले में लंबा समय बीत जाने के बाद भी प्रतिवेदन रिपोर्ट न्यायालय नहीं भेजी गई और इसी बीच मामले में एक पक्ष द्वारा आवेदन के साथ पुलिस पर भी आरोप लगाए गए, जिससे यह मामला चर्चा में आ गया।
न्यायालय ने माना है हार्ट अटैक से मौत होना
उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक की मौत के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने 3 आरोपियों पर मामला दर्ज किया था और जांच उपरांत कोतवाली थाना पुलिस ने मामले न्यायालय में प्रस्तुत किया था जहां जांच बिंदुओं के आधार पर मामले की ख़ारिजी स्वीकार की गई थी। इसके बाद मामला अपीलीय न्यायालय में ले जाए जाने पर अपीलीय न्यायालय के आदेश पर पुनः मामला सुनवाई में लिया गया जिसमें न्यायालय ने चिकित्सीय कथनों और रिपोर्ट के आधार पर मौत का कारण हार्ट अटैक ही माना है और हार्ट अटैक का कारण भी बाहरी चोटों को नहीं माना है। हालाकि मृतक के शरीर पर छिलने के निशान के सम्बन्ध में जांच हेतु कोतवाली पुलिस को निर्देशित किया था जिसकी जांच प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करना शेष है।