जानिए क्या होती है राष्ट्रीय पार्टी होने के लिए शर्तें
भारत निर्वाचन आयोग ने अपने नए आदेश जारी करते हुए राष्ट्रीय पार्टियों की घोषणा की। खानइस दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया। उल्लेखनीय है कि गुजरात में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त होने के पश्चात् आम आदमी पार्टी चार राज्यों दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी बन गई है। आयोग ने कहा, पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने लिए पात्रता शर्तों को पूरा किया है। वहीं आयोग ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही अब देश में कुल 6 राष्ट्रीय दल हो गए है
जिनके नाम : –
1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
2. कांग्रेस
3. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
4. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)
5. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
6. आम आदमी पार्टी (AAP)
राज्य स्तरीय मान्यताओं में भी कमी
इसके अलावा आयोग ने मणिपुर की PDA, पुडुचेरी की PMK, उत्तर प्रदेश की RLD, आंध्र प्रदेश की BRS, पश्चिम बंगाल की RSP और मिजोरम की MPC से राज्य दलों का दर्जा वापस ले लिया गया है।
इस तरह मिलता है राजनीतिक पार्टी का दर्जा
किसी भी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए तय तीन में से कोई मापदंडों को पूरा करना होता है।
जिसमे पहला मापदंड यह कि उस पार्टी को कम से कम चार राज्यों के लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम छह प्रतिशत वोट हासिल करना चाहिए।
यह मापदंड पूरे ना हों तो:
दूसरा लोकसभा की कुल सीटों की दो प्रतिशत सीटें यानि 11 सीटें तीन राज्यों में हासिल करे।
यह मापदंड भी यदि पूरा न हो तो:
कम से कम चार राज्यों में उस पार्टी को क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हो।
राष्ट्रीय दल होने से पार्टियों को होते है ज्यादा फायदे
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से सियासी दलों को कई फायदे भी मिलते हैं जैसे:
उन्हें पार्टी दफ्तर बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन या आवास उपलब्ध कराया जाता है।
चुनाव के समय 40 स्टार प्रचारक पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं जबकि क्षेत्रीय दलों के लिए केवल 20 प्रचारकों को अनुमति रहती है।
क्षेत्रीय दलों का चुनाव चिन्ह दूसरे राज्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि राष्ट्रीय दलों के मामले में चुनाव चिन्ह संरक्षित होता है।
इसके अलावा नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के प्रस्तावकों की संख्या बढ़ सकती है। राष्ट्रीय मीडिया पर फ्री एयरटाइम भी मिल जाता है।
देश में दलों की तीन तरह की मान्यताएं
देश में फिलहाल तीन तरह की पार्टियां हैं। राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टियां। चार अप्रैल 2023 से पहले भारत में सात राष्ट्रीय पार्टियां थीं, जबकि राज्य स्तरीय दल 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या करीब साढ़े तीन सौ थी।
आयोग ने मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में AITC की राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया। इसके साथ-साथ निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया। आयोग ने गोवा, मणिपुर और मेघालय में राकांपा को राज्य पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया है।
इन दलों ने खोया राज्य पार्टी का दर्जा
वहीं राष्ट्रीय लोकदल की राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया है। पुडुचेरी में पट्टाली मक्कल काची, पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, मणिपुर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक एलायंस और मिजोरम में मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की राज्य पार्टी की मान्यता भी वापस ले ली गई है।इन पार्टियों को मिला राज्य पार्टी का दर्जावहीं आयोग ने त्रिपुरा में राज्य पार्टी के रूप में टिपरा मोथा पार्टी को मान्यता प्रदान की है। मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को भी नागालैंड में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली। भारत राष्ट्र समिति, जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाता था, को आंध्र प्रदेश में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता दी गई है।
यह है राज्य स्तरीय दल के लिए पात्रता
एक पंजीकृत पार्टी को राज्य पार्टी के रूप में मान्यता के लिए निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक को पूरा करना होगा…
(1) राज्य स्तरीय दल की मान्यता के लिए किसी पंजीकृत पार्टी को विधानसभा चुनाव में कुल वैध मतदान में से कम से कम छह फीसदी वोट और कम से कम दो सीटें जीतना जरूरी है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में पार्टी को यदि छह फीसदी वोट और एक सीट मिले तब भी वह राज्यस्तरीय दल बन सकती है।
(2) विधानसभा में कम से कम तीन फीसदी सीटें या कम से कम तीन सीटें, जो भी अधिक हो, जीते तो उसे राज्यस्तरीय दल की मान्यता मिल सकती है। यदि किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में पार्टी को कोई सीट न मिले लेकिन वोट प्रतिशत 8 फीसदी या अधिक हो तब भी वह राज्य स्तरीय दल हो सकती है।