हटाए जाने के बाद भी सीएमएचओ ने बदल दिए 38 कर्मचारियों के प्रभार!

फर्जीवाड़ा कर पूर्व की तारीख बनाकर जारी किया गया आदेश, भ्रष्टाचार और लापरवाही को छिपाने का है अंदेशा

दमोह। भ्रष्टाचार मनमानी और लापरवाही के लिए चर्चित सीएमएचओ डॉ मुकेश जैन का एक नया कारनामा सामने आया है। आरोप है कि प्रभार से हटाए जाने के बाद डॉ मुकेश जैन के द्वारा बैक डेट पर आदेश जारी कर 38 स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रभार बदले गए है। इनमें कई महत्वपूर्ण प्रभारों को अपने चहेतो और विश्वासपात्रों को दिया जाना सामने आ रहा है। आशंका यह भी जताई जा रही है की संभावित जांच में सामने आने वाली लापरवाही और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए नियम विरुद्ध तरीके से आदेश जारी करवाए गए हैं। मामला सामने आने के बाद अब प्रभारी कलेक्टर मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कह रही हैं लेकिन मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर और अन्य अन्य नेताओं के मामले में जांच के दायरे में चल रहे पूर्व सीएमएचओ डॉक्टर मुकेश जैन का यह कारनामा आपराधिक श्रेणी में आता है। इसलिए देखना होगा कि प्रशासन मामले को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करता है या एक बार फिर मामले को रफादफा किए जाने का प्रयास सामने आएगा।

9 जून का पत्र बताया गया 6 जून का

मामला सामने आया जब सीएमएचओ कार्यालय से जारी बताया जा रहा एक पत्र 10 जून को सामने आता है जिसमें 6 जून को आदेश जारी कर कार्यालय में पदस्थ 38 कर्मचारियों के प्रभार बदले जाते हैं। हैरानी की बात है की 10 जून के पहले तक इस पत्र के संबंध में कहीं भी कोई जानकारी नहीं थी और सूत्रों की माने तो 9 जून की रात को डॉ मुकेश जैन ने कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उक्त पत्र को जारी करवाया और उसमें 6 जून की तारीख डलवाई गई, जिस दिनांक तक उन्हें सीएमएचओ के प्रभार से नहीं हटाया गया था।

नवागत सीएमएचओ आने के पहले हुआ खेल

एकाएक आदेश सामने आने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई क्योंकि 10 जून के पूर्व ऐसी कोई भी जानकारी या चर्चा किसी भी कर्मचारी को नहीं थी। ऐसे में एकाएक 3 दिन पुराना आदेश सामने आ जाना स्पष्ट रूप से फर्जीबाड़े को दर्शा रहा था। बताया जा रहा है कि पद से हटाए जाने और नवागत सीएमएचओ के प्रभार में आने के पूर्व डॉ मुकेश जैन ने यह कारनामा अपने चहेते कर्मचारी के साथ मिलकर किया है और 9 जून की रात को यह आदेश टाइप कराया गया है।

चहेते और अपात्र कर्मचारियों को मनमाने प्रभार

इस जारी आदेश में जिन 38 कर्मचारियों के प्रभार बदले गए हैं उनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं जो संबंधित प्रभार की पात्रता ही नहीं रखते हैं, किन्हीं अन्य स्थान पर पदस्थ है और कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्हें पूर्व की लापरवाहियों और लंबित जांचों के चलते संबंधित प्रभार छिन गया था। इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए नया आदेश में उन्हें ऐसे प्रभार दे दिए गए जो मनमाने होने के साथ असंवैधानिक है।

खुद जांच के दायरे में है डॉ मुकेश जैन

अपने सीएमएचओ पद का दुरुपयोग करते हुए डॉ मुकेश जैन द्वारा जो कृत्य किया जाना सामने आ रहा है वह जांच का विषय है और वरिष्ठ अधिकारी जांच और कार्यवाही की बात भी कह रहे हैं। लेकिन उक्त आदेशों को जारी करने वाले डॉक्टर मुकेश जैन वर्तमान में खुद जांच के दायरे में है। मिशन अस्पताल के चर्चित मामले में उन पर भी जांच और कार्यवाही प्रस्तावित है इन्हीं हालातो के चलते उन्हें सीएमएचओ के प्रभाव से हटकर जिला अस्पताल के शल्य चिकित्सक के पद पर भेज दिया गया है और उनके स्थान पर कटनी जिले में सीएमएचओ के पद पर पदस्थ राकेश कुमार आठ्या को सीएमएचओ पद का प्रभार दिया गया है। उनके प्रभार संभालने के पूर्व डॉक्टर मुकेश जैन अपने मनमाने आदेश जारी कर रहे हैं जो भी कई संदेह पैदा कर रहा है। मामले में प्रभारी कलेक्टर मीणा मसराम का कहना है कि जो जानकारी सामने आई है उसकी जांच कराई जाएगी और जांच के आधार पर आगामी कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी लेकिन प्रश्न यह है कि जिन प्रभारों को बदल दिया गया है यदि वह सीएमएचओ के पद पर रहते हुए डॉ मुकेश जैन द्वारा की गई लापरवाही की जांच को प्रभावित करेंगे या उनकी मदद करेंगे तो क्या ऐसे आदेश को निरस्त कर उसे यथावत नहीं रखा जाना चाहिए।

मामले में जांच कराई जाएगी और जो भी तथ्य सामने आते है उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी

मीना मशराम
एडीएम/प्रभारी कलेक्टर दमोह

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