सकारात्मक खबर: नौरादेही में बड़ा बाघों का कुनवा, जुड़े 4 नए शावक


अमले की पुष्टी, अभ्यारण में अब 16 बाघ

दमोह। बाघों की उपस्थिति सहित भेडिय़ो के प्राकृतिक आवास और पक्षियों के अनुकूल होने के चलते विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रहा नौरादेही अभ्यारण से एक और सकारात्मक खबर आई है। यहां बाघों के 4 नए शावकों की पुष्टी वन अमले ने की है और इसके साथ ही अब बाघों की संख्या 16 हो गई है। बताया जा रहा है कि चारों शावकों को एक ही बाघिन एन 112 ने जन्म दिया है जो यहां सबसे पहले लाइ गई बाधिन राधा के द्वारा जन्मी थी। हालांकि नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन सुरक्षा की दृष्टि से इनकी लोकेशन सहित फोटो आदि जारी करने से बच रहे है लेकिन सूत्रों का कहना है कि चारों शावक स्वस्थ हैं और अपनी मां के साथ सुरक्षित अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगल को समझ रहे हैं।

5 वर्षों में बदली तस्वीर

बाघिन राधा को 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत कान्हा किसली उद्यान व बाघ किशन को बांधवगढ़ से लाकर अभ्यारण्य में छोड़ा गया था। इसके बाद राधा किशन द्वारा बाघिन राधा ने मई 2019 में तीन शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद बाघ राधा ने 2020 में चार शावकों को जन्म दिया था और फिर 5 नवंबर 2021 को राधा के साथ दो नवजात शावक देखे गए. इसके बाद अप्रैल 2022 में बाघिन राधा से जन्मे दो शावकों को देखा गया। शावकों को जन्म दिए जाने के बाद पिछले 5 सालों में नौरादेही अभ्यारण में बाघों की संख्या 12 हुई और अब और इन 4 नए शावकों के साथ अब यह संख्या 16 हो गई है। वर्तमान में नौरादेही अभ्यारण्य का जंगली क्षेत्र भेडिय़ों का प्राकृतिक आवास है लेकिन इसे एक बाघ सेंचुरी के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

बने टाइगर रिजर्व बनने की संभावना
वहीं इस बदलते परिवेश के साथ ही अभ्यारण को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भी है जो फिलहाल केंद्र के पास लंबित है। अभ्यारण प्रबंधन द्वारा १६ बाघों की पुष्टी तो कर दी है लेकिन साथ ही साथ वह इनकी सुरक्षा के लिए भी एहतियात बरत रहा है।वहीं जानकारी यह भी है कि लाए गए व जन्में शावकों के अलावा यहां एक और बाघ भी है जो अन्य स्थान से आया है। ऐसे में अब नए समीकरणों से नौरादेही अभ्यारण्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण है जिसका क्षेत्रफल 1197 वर्ग किमी है। इसके अलावा अभ्यारण्य का विशाल क्षेत्रफल, घास के विशाल मैदान और शाकाहारी जानवरों की बहुलता के कारण ही यहां राष्ट्रीय बाघ परियोजना की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी और इससे मिली सफलता से आज यहां बाधों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


शावकों के तैयार होने का इंतजार
जानकार बताते है कि फिलहाल चार शावक व बाघिन एक साथ ही हैं और बाघ के शावक करीब 02 साल में वयस्क होते है। बाघिन राधा एन -1 ने पिछली बार नंबवर 2021 मे शावकों को जन्म दिया ऐसे में उनकी उम्र अभी करीब १८ माह है राधा अभी शावकों को अगले करीब 06 माह और अपने साथ रखेगी इसके बाद वयस्क बाघ राधा से अलग हो जाएगें वहीं राधा मेटिंग के फिर तैयार होगी । वहीं बाघों का कुनवा अलग अलग हिस्सों में अपना वर्चस्व बनाए हुए है लेकिन कुछ समय पहले नदी के पानी में अठखेलियाँ करते बाघ भी देखें गए थे।


कॉलर आईडी से जोडऩे का प्रयास
वहीं इन सकारात्मक खबरों के बीच वन अमले की कुछ चिंताए भी है। दरअसल अभ्यारण्य के बाघ किशन व बाघिन राधा की कॉलर आईडी खराब हो गई है जिससे बाघों की सुरक्षा को लेकर अधिकारी चिंचित दिख रहे हैं कुछ महीने पहले किशन तो संपर्क से ही बाहर बताया जा रहा था वहीं बाघिन 300 मीटर की रेंज से बाहर जाने पर उसकी लोकेशन नहीं मिलती है। ऐसे में बाघों को कॉलर आईडी लगाने के वन अमला योजना बना रहा है क्योकि इसे बदलना आसान नहीं है बाघ बाघिन को बेहोश करके कॉलर आईडी पहनाई जाती है जो बढ़ते कुनवे और इनके अलग अलग क्षेत्रों में होने के चलते मुश्किल है।

जंगल में अटखेलियां करते बाघ


बनाया गया विशेष सुरक्षा घेरा
वहीं दूसरी ओर वन अमले द्वार वाघों की सुरक्षा को शत प्रतिशत करने के लिए विशेष सुरक्षा घेरा भी बनाया है। जिसमें प्रशिक्षित लोगों के साथ १५० सुरक्षाकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात है। हालाकि अन्य कोई भी जानकारी फिलहाल सुरक्षा कारणों से सामने नहीं लाई जा रही है लेकिन फिलहाल वन अमला बढ़ते कुनवे को लेकर प्रसन्न और सुरक्षा को लेकर आश्वस्त है।


इनका कहना है
अभ्यारण में बाघों की सुरक्षा के लिए पूरे इंतजाम किए गए है और समय आने पर अन्य जानकारियों को आमजन के बीच साझा किया जाएगा।
अनिल कुमार सिंह
सीसीएफ नौरादेही
सागर वृत्त

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