सीएचसी में जबेरा व पथरिया तो पीएससी में जेरठ ने
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केंद्र शासन द्वारा शुरु किया गया कायाकल्प अभियान में जिले की मेहतन रंग लाई है और जिला अस्पताल दमोह ने प्रदेश से सभी जिलों के बीच कायाकल्प अवार्ड प्रतिस्पर्धा के बीच सेकेंड रनरअप रही है। जिला अस्पताल दमोह से आगे रतलाम अनूपपुर और सीहोर जिले है। सेकेंड रनरअप के विजेता के रूप में जिला अस्पताल को बेहतर सुविधाओं के लिए १० लाख रुपए की राशि दी जाएगी। वहीं अन्य कैटेगरी में जबेरा, पथरिया व जेरठ ने भी इस सूची में अपना स्थान बनाया है।
एनक्यूएस के बाद दूसरी सफलता
जिला अस्पताल दमोह में किए जा रहे प्रयासों के चलते कुछ दिन पूर्व अस्पताल को नेशनल क्वालिटी एसयूरेन्स का प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। इसके बाद कायाकल्प अभियान के चलते सिविल सर्जन डॉ राजेश नामदेव के नेतृत्व में अस्पताल के अंदर और बाहरी सुंदरताए रखरखाव पर विशेष अभियान चला कर कायाकल्प टीम के विजिट हेतु तैयार किया थाए जो धरातल पर दिखता है। इसमें ढकी हुई नालियाों वॉरलॉगिंग की समस्या खत्म हुई है, खुले गंदे आंगनों पर चेकर्स लगवा दिए गए हैं। इसके अलावा एम्बुलेंस एंट्री हेतु सेपरेट रास्ता एमसीएच कम्पाउंड में बनाया गया है और केसुअल्टी के यहां एम्बुलेंस की निर्बाध एंट्री के लिये बेर्रीकेटिंग की गई है। कचरा स्थल के लिये सेपरेट प्लेटफार्म बनाते हुए बायोमेडिकल वेस्ट हेतु अलग, ई.वेस्ट रूम, गार्डन मेन्टेनेंस सहित अन्य कार्य किए जा रहे है। इन सभी कार्यों के देखते हुए कायाकल्प टीम ने जिला अस्पताल को यह स्थान दिया है। इस संबंध में कायाकल्प नोडल ऑफीसर आरएमओ डाँ विशाल शुक्ला बताते है कि जिला अस्पताल दमोह ने यदि साफ सफाई और कायाकल्प में अवार्ड जीता हैं तो इसका श्रेय हमारी टीम वर्क को है और आगे भी हमारा प्रयास रहेगा कि उन्नयन कार्य होते रहे है और आगे हम और भी बेहतर प्रदर्शन के साथ अपना स्थान सुनिश्चित करेंगे।
दो सीएचसी को भी मिली सराहना
कायाकल्प योजना में सीएचसी केटेगरी में भी जिले की दो सीएचसी ने स्थान पाया है। कॉमन्डेशन अवार्ड कैटेगरी में जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जबेरा व पथरिया का स्थान है जिसमें जबेरा सीएचसी ६६वें व पथरिया सीएचसी ११३वें नम्बर पर रही है। इन दोनो सीएचसी को अवॉर्ड राशि के रूप में १-१ लाख रुपए प्राप्त होंगे। वहीं इसके पीएचसी स्तर पर जेरठ पीएचसी ने अपना स्थान इस सूची में बनाया है।