धर्मांतरण के आरोपों में घिरे गुड शेफर्ड स्कूल में राज्य बाल आयोग व शिक्षा विभाग की संयुक्त कार्यवाही

जांच उपरांत दस्तावेज किए जब्त, प्रबंधन के फरार होने और स्कूल बंद होने से अभिभावकों ने जताई नाराजगी

दमोह। जिले के पथरिया में संचालित गुड शेफर्ड स्कूल में धर्मांतरण के आरोप सामने आने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कई महिनों से जांच की जा रही थी। वहीं पिछले दिनों मामला तूल पकडऩे के बाद स्कूल स्टॉफ सहित प्रबंधन गायब बताया जा रहा है और स्कूल भी बगैर किसी सूचना के बंद कर दिया गया है। वहीं इन सबके बीच शनिवार को राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह सहित बाल कल्याण समिति सागर के अध्यक्ष सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंंचे और उनके द्वारा स्कूल की जांच की गई।

पूर्व में लगे थे धर्मांतरण के आरोप

उल्लेखनीय है कि स्कूल के एक कर्मचारी द्वारा कुछ माह पूर्व धर्मांतरण के लिए दबाव बनाए जाने के आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगाए थे और आरोपों के चलते तब शिक्षा विभाग ने जांच भी की थी। हालाकि शिक्षा विभाग की जांच टीम के लचर रवैये और मिलीभगत के चलते जांच के बाद निष्कर्ष और कार्यवाही प्रस्तावित नहीं हो सकी थी और कुछ दिन पूर्व एक बार फिर स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगे थे जिसके बाद कार्यवाही की गई।

जांच में मिली खामियां

शनिवार को जब टीम ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया तब वहां कई खामियां जांच टीम को मिली है, हालाकि जांच के दौरान स्कूल स्टॉफ और प्रबंधन नदारत रहा जिसके चलते जांच टीम को अपने स्तर पर जांच करनी पड़ी। मामले के संबंध में राज्य बाल आयोग के ओंकार सिंह ने बताया कि स्कूल के कुछ बच्चों के अभिभावकों द्वारा यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनके बच्चों के धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में उनके द्वारा जांच की गई है। जांच में स्कूल से धार्मिक साहित्य मिला है, और संबंधित बच्चों के अभिभावकों ने भी इसकी पुष्टी की है और प्रारंभिक जांच में आरोप सही भी पाए गए है जिसके चलते स्कूल के रिकॉर्ड और सामग्री जब्त कर ली गई है और अब जांच प्रतिवेदन के आधार पर मामले में एफआईआर कराई जाएगी। वहीं जांच टीम के शामिल जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया कि स्कूल में जो आरोप सामने आए थे उसकी जांच डीपीसी और बीआरसी के स्तर पर की जा रही थी अब जांच में जो भी तथ्य सामने आएगें उसके अनुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी।

अभिभावकों में दिखा रोष

स्कूल प्रबंधन पर लगे गंभीर आरोपों के बाद कार्यवाही के डर से प्रबंधन फरार बताया जा रहा है और इन हालातों के चलते स्कूल पिछले कई दिनों से बंद चल रहा है और संचालन समिति ही नहीं स्कूल के शिक्षक भी स्कूल से दूरी बनाए हुए है। ऐसे हालातों में अब यहां पढऩे बाले छात्रों के अभिभावक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है और शनिवार को जब स्कूल के निरीक्षण की जानकारी अभिभावकों को मिली तो बड़ी संख्या में छात्रों के अभिभावक स्कूल परिसर में आ गए और उनके द्वारा स्कूल बंद होने पर बच्चों के भविष्य पर चिंता जताते हुए रोष जताया और जल्द इस ओर निर्णय लेने के लिए कहा गया ताकि बच्चों का स्कूल जल्द से जल्द शुरु हो सके। इस संंबंध में राज्य बाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह का कहना था कि वह शासन को पत्र लिखकर यह प्रयास करेंगे कि स्कूल का प्रबंधन शासन अपने हाथ में ले ले ताकि बच्चों के शैक्षणिक भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। जांच के दौरान बाल कल्याण समिति सागर अध्यक्ष चंद्र प्रकाश शुक्ला, बाल कल्याण समिति दमोह के पूर्व सदस्य एडवोकेट दीपक तिवारी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति रही।

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