नगरीय विकास और आवास विभाग मंत्रालय किया राजपत्र का प्रकाशन
दमोह। नगर पालिका क्षेत्र दमोह के लिए एक बड़े बदलाव की खबर सामने आई है और दशकों से ३९ वार्डों के क्षेत्र की नगर पालिका की सीमाओं को बढ़ाया गया है। सोमवार ११ मार्च को प्रदेश नपा अधिनियम १९६१ की शक्तियों के अंतर्गत यह मंजूरी दी गई है। जारी अधिसूचना में दमोह तहसील की ९ ग्राम पंचायतों के १२ ग्रामों को नगर पालिका दमोह के क्षेत्र में शामिल किए जाने की घोषणा की गई है। इसके बाद नगर पालिका क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की आशा करने लगे है क्योकि नगर पालिका दमोह को नगर निगम बनाए जाने के लिए महज १ वार्ड की और आवश्यक्ता थी। हालाकि इसके अलावा जनसंख्या भी एक समीकरण होगा लेकिन माना यह जा रहा है कि यह समीकरण भी पूरा हो जाएगा जिससे नगर पालिका दमोह जल्द ही नगर निगम का दर्जा हासिल कर सकती है। ऐसे में अब भविष्य में परिसीमन सहित अन्य प्रक्रियाएं शुरु होगी जिससे यह कार्य आगे बढ़ेगा।
यह पंचायतें शामिल
जारी आदेश के अनुसार दमोह तहसील अंतर्गत ९ पंचायतों के ग्रामों को नपा में शामिल किए जाना है जिसमें ग्राम पंचायत इमलाई के ग्राम इमलाई, ग्राम पंचायत आमचौपरा के ग्राम चौपरा खुर्द और चौपरा रैयतवारी, ग्राम पंचायत हिरदेपुर के ग्राम हिरदेपुर, ग्राम पंचायत मारूताल के ग्राम मारूताल और कोटातला रैयतवारी, ग्राम पंचायत पिपरिया दिगंबर के ग्राम लाडऩवाग, ग्राम पंचायत मड़ाहार के ग्राम राजनगर खुर्द, ग्राम पंचायत समन्ना के समन्ना माल और समन्ना रैयतवारी, ग्राम पंचायत के सिंगपुर के ग्राम सिंगपुर व ग्राम पंचायत कुंवरपुर के पिपरिया नायक शामिल है।
सीमाओं का होगा विस्तार
जानकारी अनुसार वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र करीब ८ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इस सीमा में कुल ३९ वार्ड संचालित होते है जिनकी अपनी अपनी अलग अलग सीमाए है। वहीं नई परिवर्तन से नगर पालिका क्षेत्र में ५७१२.७ हैक्टेयर क्षेत्र और जुड़ जाएगा। ऐसे में नगर पालिका का क्षेत्रफल पहले की तुलना में काफी बड़ा हो जाएगा और वार्डों की संख्या भी ३९ से बढक़र ज्यादा हो जाएगी। यदि इन सभी समीकरणों को देखा जाए तो यह तय है कि नगर पलिका दमोह के लिए नगर निगम बनाए जाने का रास्ता खुल जाएगा।
निगम के लिए करना होगा इंतजार
दरअसल लंबे समय से नगर पालिका दमोह को नगर निगम बनाए जाने की मांग की जा रही थी और कई ग्राम पंचायतों द्वारा इस संबंध में अपने समर्थन पत्र भी कलेक्टर को सौंपे थे। ऐसे में इस घोषणा से माना जा रहा है कि नगर पालिका दमोह नगर निगम का दर्जा प्राप्त कर सकती है। लेकिन फिलहाल इसके लिए भी नगर वासियों और शामिल हुए ग्राम वासियों के लिए इंतजार करना होगा। दरअसल अभी पंचायतों का कार्यकाल चल रहा है इसलिए नगर निगम में शामिल करने के लिए इनके कार्यकाल पूरा होने का इंतजार करना होगा और आगामी चुनावों के दौरान ही यह परिवर्तन संभव होगा। इसके अलावा नगर निगम के लिए ३९ से अधिक वार्ड होने की पात्रता पूरी होना तो नए आदेशों के बाद होना तय है लेकिन जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम के लिए नियम आड़े आ सकते है। दरअसल नगर निगम के लिए ३ लाख की जनसंख्या का आंकड़ा सामान्यत: रखा जाता है। ऐसे में वर्ष २०११ की जनसंख्या करीब १.२५ लाख थी जो वर्तमान में समय करीब २० प्रतिशत की बृद्धि हो सकती है।। इसके अलावा जोड़े गए ११ ग्रामों की जनसंख्या के बाद यदि यह आंकड़ा ३ लाख तक पहुंचता है तो नगर निगम बनने की पात्रता पूरी हो जाएगी। लेकिन यदि ऐसा नहीं भी होता है तो मुख्यमंत्री द्वारा अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर दमोह नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिया जा सकता है। ऐसे में एक बड़ी संभावना है कि दमोह नगर पालिका अगले कुछ वर्षों या आगामी चुनावों में नगर निगम का दर्जा प्राप्त कर ले।
लोगों के लिए होंगे यह बदलाव
नए आदेश से नगर पालिका में शामिल होने या भविष्य में नगर निगम बनने के बाद क्षेत्र में शामिल सभी लोगों के लिए कई बड़े बदलाव होंगे, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सडक़, पानी, सफाई जैसी सुविधाएं नगर पालिका से प्राप्त होने लगेंगी जो उनके लिए बेहतर होगा। इसके अलावा नगर निगम बनने पर वर्तमान नगर पालिका में भी नियमानुसार पदों में बदलाव होगा और नपा अध्यक्ष के स्थान पर महापौर का पद होगा और पार्षदों के अधिकारों में भी वृद्धि हो जाएगी। इसके अलावा नए आदेश से नपा में जुडऩे बाली पंचायतें या ग्रामों के लिए भुगतान किए जाने बाला टैक्स सहित कालोनियों, भवन निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए बनाए गए नियम भी ग्राम पंचायतों से हटकर नगर पालिका या नगर निगम के ही अधीन हो जाएगें जिससे उन्हें उन्हीं नियमों के अनुसार अनुमति व निर्धारित शुल्क देना होगा।