राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सम्मन के चलते मानी जा रही कार्यवाही
दमोह। देहात थाना क्षेत्र के मारुताल में मिशनरी संस्था के आधारशिला संस्थान परिसर में मंगलवार दोपहर पुलिस प्रशासन की टीम के एकाएक पहुंचने पर हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। परिसर में पहुंची टीम में एसडीएम आरएल बागरी, सीएसपी अभिषेक तिवारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सहित कोतवाली व देहात थाना प्रभारी अपने-अपने अमले के साथ मौजूद थे। लगातार चर्चाओं में चल रहे मिशनरी संस्थान के परिसर में इस तरह से पुलिस प्रशासन की टीम के पहुंचने पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। करीब 3 घंटे से अधिक समय तक टीम आधारशिला संस्थान के प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ चर्चा करती रही और विभिन्न विषयों पर पूछताछ करती रही। हालांकि इस दौरान मीडिया का परिसर में प्रवेश रोक दिया गया था और कोई भी जानकारी संबंधितों द्वारा मीडिया को नहीं दी जा रही थी।
जानकारी देने से दूरी बना रहे अधिकारी
ऐसा माना जा रहा था कि कार्यवाही उपरांत पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा मीडिया को संबंधित विषयों पर जानकारी दी जाएगी लेकिन परिसर से निकालने के बाद भी ना तो मीडिया को संबंध में कोई जानकारी दी गई। हालात यह बने की देर रात तक पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किए जाने के प्रयास के बावजूद भी मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई।
आयोग की नाराजगी से बचने का है प्रयास!
सूत्रों के हवाले से जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उसके अनुसार पूर्व में आधारशिला संस्थान द्वारा संचालित बाल भवन के अवैध संचालन और अन्य आरोपों पर कार्यवाही को लेकर बरती गई लापरवाहियों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ी नाराजगी जताई है और अब आगामी समय में इन स्थितियों के चलते पुलिस प्रशासन पर होने वाली संभावित कार्यवाहियों की आशंका से पुलिस प्रशासन द्वारा मंगलवार की कार्यवाही की गई है। सामने आ रही जानकारी अनुसार आयोग द्वारा पूर्व में जारी पत्रों पर पुलिस प्रशासन द्वारा निर्धारित तरीके से कार्यवाही नहीं की गई थी जिसके चलते राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मंगलवार को दिल्ली में आयोग के समक्ष उपस्थित होकर मामले में अब तक की गई कार्यवाहियों के संबंध में जानकारी देने के निर्देश दिए थे। लेकिन पुलिस अधीक्षक या उनका कोई भी प्रतिनिधि निर्धारित समय तक वहां उपस्थित नहीं हो सका जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब मामले को लेकर गृह मंत्रालय व संबंधित विभागों को पत्र लिखकर कार्यवाही की अनुशंसा कर सकता है। इन आशंकाओं को देखते हुए अब पुलिस महकमा मामले को संभालने का प्रयास कर रहा है।
पूर्व में लगातार जारी हुए नोटिस
जानकारी अनुसार आयोग ने कार्यालय पुलिस अधीक्षक दमोह को दिनांक 08.01.2024 को नोटिस जारी करते हुए संबंधित मामले में एसपी दमोह को जांच शुरू करने और अजय लाल द्वारा संचालित अवैध चिल्ड्रन होम/एसएए में गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके आयोग द्वारा किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 370 के तहत उल्लंघन की बात कही थी। इसके जबाव में एसपी दमोह ने पत्र दिनांक 04.02.2024 और दिनांक 03.02.2024 के माध्यम से सूचित किया था कि इस संबंध में एक पत्र किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) के नियम 85(2) के अनुसार नोडल अधिकारी को भेज दिया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि उक्त पत्र आज तक कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए है। इसके बाद 10 अप्रैल को भी पत्र जारी करते हुए आयोग के समक्ष मामले में की गई कार्यवाही का विवरण और संबंधित दस्तावेजों को लेकर उपस्थित होने के लिए कहा गया था और फिर एक अन्य नोटिस के माध्यम से मंगलवार को उपस्थिति के लिए कहा गया।
आज हो सकती है बड़ी कार्यवाही
मंगलवार को जो हालात सामने आए हैं उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज पुलिस प्रशासन की ओर से कोई बड़ी कार्यवाही आधारशिला संस्थान और उसके प्रबंधन से जुड़े लोगों पर की जा सकती है वहीं दूसरी ओर आयोग के पत्र से राष्ट्रीय स्तर या गृह मंत्रालय से भी कोई बड़ी कार्यवाही जिले के जिम्मेदार अमले पर हो सकती है।
लीगल राइट्स अब्ज़र्वटॉरी ने भी साधा निशाना
जहां एक और पुलिस प्रशासन कार्यवाही की जानकारी देने से दूरी बनाए हुए था वहीं दूसरी ओर ऐसी मुद्दों पर लगातार नजर बनाए रखने वाले लीगल राइट्स अब्ज़र्वटॉरी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पुलिस कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पर यह आरोप लगाए गए हैं कि पुलिस द्वारा अजय लाल पर एफआईआर करने में असफल रहने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दमोह पुलिस अधीक्षक को आयोग के समक्ष उपस्तिथि के लिए बुलाया था। एसपी दमोह ने बिना एफआईआर दर्ज किए अजय लाल के परिसर में छापा मारा। इसमें यह भी आरोप लगाए गए की अजय लाल के एजेंटों द्वारा यह दावा किया गया है कि उनके द्वारा ही परिसर में फर्जी छापेमारी के लिए धनबल का इस्तेमाल किया गया है ताकि मामला ठंडा होने तक सारा ध्यान भड़काया जा सके।
https://x.com/LegalLro/status/1820832693036191780?t=rDLxGWQfdAY56LkUExFoEA&s=08
मामला पुलिस से जुड़ा हुआ है इसीलिए पुलिस महकमा ही इससे जुड़ी जानकारी दे सकेगा।
आरएल बागरी
एसडीएम दमोह
मेरे द्वारा मामले में पुलिस अधीक्षक को मंगलवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। अब इस संबंध में गृह मंत्रालय को कार्यवाही के लिए पत्राचार किया जाएगा। आज की गई कार्यवाही के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
प्रियंका कानूनगो
अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग