
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कई विभागों की सामूहिक कार्यवाही, जांच में में मिली गड़बड़ियां
दमोह। नगर में हिजाब प्रकरण से चर्चा में आए गंगा जमुना स्कूल में एक के बाद एक नए आरोप सामने आने लगे और इसकी आंच अब समूह के दूसरे उपक्रमों पर भी आ चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार को आधा दर्जन से अधिक विभागों ने गंगा जमुना समूह द्वारा संचालित विभिन्न प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्यवाही की, जिसमें वाणिज्य कर विभाग, श्रम विभाग, राजस्व, वन विभाग, फुड एंड सेफ्टी विभाग, नापतौल विभाग के साथ पुलिस व प्रशासन के आधा दर्जन अधिकारी भी शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने गंगा जमुना समूह के एक दर्जन से अधिक व्यवसायिक उपक्रमों की जांच के लिए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए थे और इस दौरान समूह पर विदेशी फंडिग सहित टेक्स में हेरफेर के भी आरोप लगे थे, जिसके बाद यह कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। वहीं जारी कार्यवाही के दौरान कई खामिया भी सामने आई है जिसके चलते संबंधित विभाग आगामी कार्यवाही की तैयारियां करने लगे है।

दोपहर को दाल मिल व बीड़ी कारखाने से शुरुआत

दोपहर को असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर विभाग सहित एसडीएम दमोह, एसडीएम हटा के साथ पुलिस व विभिन्न विभागों की टीम नगर के फुटेरा वार्ड गौरीशंकर तिराहा स्थित गंगा जमुना दाल मिल व गंगा जमुना की टॉबेको उत्पात से जुड़े कारखाने पर छापा मारा। टीम के पहुंचते ही वहां अफरा तफरी की स्थिति निर्मित हो गई और इस दौरान टीम में शामिल अमले ने परिसर में हो रहे कार्य सहित उपलब्ध सामग्री व दस्तावेजों की जांच शुरु कर दी। इस दौरान मुख्य रूप से दाल मिल में रखी सामग्री व उसके क्रय विक्रय से जुड़े दस्तावेज व तेंदूपत्ता भंडारण व बीड़ी निर्माण से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान टीम में शामिल वाणिज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर उमेश त्रिपाठी ने बताया कि गंगा जमुना समूह में अपने उपक्रमों में टेक्स से हेरफेर की शिकायतें सामने आई थी, जिसके चलते उनके द्वारा यह कार्यवाही की जा रही है और वह यहां संचालित उद्योगों के क्रय विक्रय का रिकॉर्ड का सत्यापन कर रहे है और अन्य विभाग अपने क्षेत्र की जांच कर कार्यवाही कर रहा है। चूकि जांच अभी शुरु हुई और जांच के उपरांत ही निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
इसी दौरान दूसरे प्रतिष्ठान भी आए जांच के दायरे में

जहां एक ओर गंगा जमुना समूह के मुख्य प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही जारी थी, उसी दौरान उनके अन्य उपक्रमों पर भी संबंधित विभाग की टीमों ने जांच शुरु कर दी। इस दौरान दमोह-कटनी- सागर वायपास पर जबलपुर रोड स्थित गंगा जमुना धर्मकाटा पर नापतौल विभाग की टीम पहुंची और उसके द्वारा धर्मकांटा की जांच की गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान विभाग को वहां हो रही नापतौल में कुछ गड़बडिय़ा मिली है जिसके चलते वहां से कुछ तौल में प्रयोग होने बाले बांटो को भी जब्त करते हुए उसे सील किए जाने की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा समन्ना वायपास स्थित गंगा जमुना हार्डबेयर के पीछे पड़ी जमीनो की भी जांच की गई। आरोप है कि इस जमीन पर जबरन कब्जा किया गया है और जमीन के नाप के दौरान हेरफेर भी की गई है, जिसकी जांच शुरु हो चुकी है, बड़ी टीम द्वारा कृषि उपज मंडी स्थित प्रतिष्ठान सहित कपड़ा मैन्युफैक्चरिंग स्थान पर भी जांच की गई।

हटा नाके पर मिला लकड़ी का भंडार
इसके अलावा एक टीम जांच के लिए हटा नाका स्थित गंगा जमुना पैट्रोल पंप व तेंदूपत्ता भंडारण गृह की भी जांच करने पहुंची थी। इस दौरान परिसर में भारी मात्रा में कटी हुई लकड़ी पाई गई है, जिसका फिलहाल कोई भी रिकॉर्ड होना सामने नहीं आया है। इसके चलते वन विभाग इस मामले की जांच करते हुए यह लकड़ी कहां से आई है इसकी जानकारी जुटा रहा है। वहीं कार्यवाही के दौरान गंगा जमुना समूह के संचालकों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया है, जिसके चलते कार्यवाही में जुटी विभागीय टीम को मौजूद कर्मचारियों से ही पूछताछ करनी पड़ रही थी।

देश के नक्शे से भी छेड़छाड़ के आरोप
इन कार्यवाहियों के बीच गंगा जमुना प्रबंधन पर एक और गंभीर आरोप लग गया है, आरोप है कि प्रबंधन द्वारा अपने समूह के पहचान के रूप में प्रयोग किए जाने वाले लोगो में भारत के मानचित्र के साथ छेड़छाड़ की गई है और मानचित्र का आधा हिस्सा गायब किया गया है। हालाकि गंगा जमुना समूह द्वारा यह लोगो वर्षों से उपयोग किया जा रहा है लेकिन इस बार इस पर नियमों के तहत आपत्ति आई है जिससे इस मामले को भी संज्ञान में लेते हुए जांच के निर्देश दिए गए है। वहीं अन्य आरोपों में एक आरोप स्कूल परिसर में एक कॉरिडोर से होकर रास्ता स्कूल से जुड़ी मस्जिद में जाने को लेकर भी है और राज्य बाल आयोग ने इसकी पुष्टी भी की है।

सहयोगी संवाददाता
चतुर्भुज दुबे बिट्टू